Sunday 2 April 2017

जन्मदिन विशेष: फेमस बिहारी गणितज्ञ जिसने आइंस्टीन के सिद्धांत को दी थी चुनौती

पटना. बिहार के भोजपुर जिले के बसंतपुर गांव के रहने वाले देश के फेमस गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का आज जन्मदिन हैं।सिंह ने वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्ष सिद्धांत को चुनौती दी थी। एक समय पूरे विश्व में गणित की दुनिया में इनकी चर्चा होती थी।जाने इनके बारे में... -वशिष्ठ नारायण सिंह का जन्म 2 अप्रैल 1942 को जन्म हुआ। सिंह ने 1962 बिहार में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। -पटना साइंस कॉलेज में पढ़ते हुए उनकी मुलाकात अमेरिका से पटना आए प्रोफेसर कैली से हुई। उनकी प्रतिभा से प्रभावित हो कर प्रोफेसर कैली ने उन्हें बरकली आ कर शोध करने का निमंत्रण दिया था।

सिंह के शोध ने भारत समेत विश्व में फेमस कर दिया था -सिंह 1963 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में शोध के लिए गए। 1969 में उन्होंने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में पीएचडी प्राप्त की। - उनके शोध कार्य ने उन्हें भारत और विश्व में प्रसिद्ध कर दिया। अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद कुछ समय के लिए भारत आए, लेकिन जल्द ही वे फिर अमेरिका वापस चले गए।

- सिंह ने वाशिंगटन में गणित के प्रोफेसर के पद पर काम किया। 1971 में सिंह भारत वापस लौट गए। - भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर और भारतीय सांख्यिकीय संस्थान, कोलकाता में काम किया। 1973 में उनका विवाह वंदना रानी के साथ हुआ। - सिंह को 1974 में मानसिक दौरे आने लगे। इसके बाद उनका इलाज रांची में हुआ। फिर वे लम्बे समय तक वे गायब हो गए और फिर एकाएक वे मिल गये।

- 1976 में वशिष्ठ नारायण को दिमागी बीमारी सिजोफ्रेनिया हो गई। जिससे इनकी जिंदगी में कई तरह की परेशानी आई। - बताया जाता है कि नासा में अपोलो की लांचिंग से पहले जब 31 कंप्यूटर कुछ समय के लिए बंद हो गए तो कंप्यूटर ठीक होने पर उनका और कंप्यूटर्स का कैलकुलेशन एक था।

- 2013 में वशिष्ठ नारायण सिंह को भूपेंद्र नारायण मंडल यूनिवर्सिटी मधेपुरा में विजिटिंग प्रोफेसर के तौर पर आमंत्रित किया गया था। - अभी भी इनके कमरे किताबों से भरे पड़े हैं और दीवार पर गणित के कई फार्मूला लिखे हुए होते हैं। ये फिलहाल गुमनामी का जीवन जी रहे हैं। 

Friday 10 February 2017

मैथिलि फिल्म "दूल्हा चोर" की प्रदर्शन तिथि बढ़ी आगे



चन्दन कुमार की रिपोर्ट
मधुबनी: उमा फिल्म प्रोडक्शन व कांति फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित दहेज़ प्रथा पर आधारित नारी को सशक्त बनाने वाली मिथिला की मोस्ट वेटेड मैथिली फिल्म  "दूल्हा चोर" की प्रदर्शन 10 फरवरी को होने वाला था । लेकिन कुछ तकनिकी कारणों से फिल्म प्रदर्शन की तिथि आगे बढ़ा दी गयी है। प्रदर्शन की अगली तारीख निश्चित होते ही घोषणा की जाएगी। संभवतः इसी माह के अंत तक फिल्म धूमधाम से रिलीज हो सकती है। 

उक्त बातों की जानकारी फिल्म के मुख्य कलाकार कुमार घनश्याम ने दूरभाष के जरिये देकर बताया कि  यह फिल्म समाज को संदेश देने व नारी सशक्तिकरण को नई दिशा देने का काम करेगी। साथ ही उन्होंने बताया कि बहुत जल्द उक्त फिल्म को भोजपुरी में भी प्रदर्शित किया जायेगा। वहीँ उन्होंने भोजपुरी फिल्मों के अश्लीलता पे प्रश्न उठाते हुए कहा कि जितने भी कलाकार, लेखक व निर्देशक भोजपुरी में अश्लीलता को दिखाते है, क्या वे सभी अपने माँ, बाप, भाई, बहन व परिवार के साथ वो सिनेमा देख सकते है ? उन्होंने कहा कि आज मैथिलि पे भोजपुरी पूरी तरह हावी हो चुकी है। लेकिन आज तक कोई ऐसा फिल्म नहीं बना जिससे समाज में कोई सन्देश जाये।

फिल्म रिलीज़ से पहले राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी मैथिलि फिल्म "मिथिला मखान" के बारे में बात करते हुये उन्होंने कहा की फिल्में ऐसी होनी चाहिए जिससे मनोरंजन के साथ साथ समाज में अच्छी संदेश पहुँच सके।

आपको बता दें कि उक्त मैथिलि फिल्म को सेंसर बोर्ड ने बिना काट-छाट के यू/ए सर्टिफिकेट प्रदान किया है।
फिल्म के निर्माता सुप्रसिद्ध भजन गायक एन के झा 'श्याम जी' व महेश मिश्रा  हैं।  कई धारावाहिक व फिल्म के सुप्रसिद्ध निर्देशक वीरेन्द्र पासवान इस फिल्म के निर्देशक हैं। जबकि लेखक मनीष चौधरी, गीतकार अभिराज झा, संगीतकार  सुरेश आनंद झा, संकलन ज्ञानेंद्र सिंह, छायांकन संजय सिंह, नृत्य संतोष कुमार, प्रचारक रामचंद्र यादव है। जबकि पार्श्वगायन हिंदी सिने जगत के मशहूर गायक पद्मश्री उदित नारायण झा, श्याम झा, पुष्प लता व अलका झा ने किया है।

फिल्म के  मुख्य कलाकार कुमार घनश्याम, कल्पना शाह, प्रतिभा पाण्डेय, अरुणा गिरी, फूल सिंह, विजय झा, अवधेश सिंह, दिलावर, अरुण सिंह, उमाकान्त राय, अरुणा सिंह, प्रमोद गोस्वामी, कन्हैया मिश्रा, नीलेश झा, मास्टर आयुष, मनोरमा मिश्रा, वन्दना झा, खुशी, रागिनी, पंकज कामति, बबलू, मुन्नी लाल, धनंजय चौधरी हैं।